Begin typing your search above and press return to search.

Chhattisgarh News: वन विभाग बताए एक हिमालयन भालू कहां गया ? : नागालैंड से लेकर निकले थे दो भालू, जंगल सफारी पंहुचा सिर्फ एक

Chhattisgarh News: रायपुर के वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने वन विभाग के अफसरों से पूछा कि नागालैंड के धीमापुर जू से दो नंदन वन जंल सफारी के लिए ला रहे दो हिमालयन भालू में से एक कहां है। वन विभाग के अफसर उन चिकित्सकों को क्यों बचा रहे हैं जिनकी लापरवाही के चलते रास्ते में ही एक भालू की मौत हो गई।

Chhattisgarh News: वन विभाग बताए एक हिमालयन भालू कहां गया ? : नागालैंड से लेकर निकले थे दो भालू, जंगल सफारी पंहुचा सिर्फ एक
X
By Radhakishan Sharma

Chhattisgarh News: रायपुर। नागालैंड के धीमापुर जू से नंदन वन जंगल सफारी के वन्यजीवों के एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जंगल सफारी से पांच चीतल और दो ब्लैक बक लेकर दो विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम गई थी। वापसी में नागालैंड के जू से दो हिमालयन भालू लेकर निकली, तीन दिन पहले सिर्फ एक ही हिमालय भालू जंगल सफारी रायपुर पहुंचा है। जिसे क्वॉरेंटाइन में रखा है।

वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने वन विभाग के अफसरों से सवाल किया है कि ऐसे में प्रश्न उठता है कि एक हिमालयन भालू कहां गया? क्या रास्ते में डॉक्टरों को चकमा देकर भाग गया या चोरी हो गया या कुछ और हुआ? जबकि वास्तविकता यह है कि एक हिमालयन भालू रास्ते में डॉक्टर की लापरवाही के चलते मर गया और वन विभाग उसे छुपता रहा।

इस बहुत बड़ी लापरवाही को लेकर वन्य जीव प्रेमियों में अब वन विभाग के प्रति रोष उत्पन्न हो गया है। रायपुर के नितिन सिंघवी ने पूछा है कि खुलासा करा जाए कि वे कौन डॉक्टर थे जो भालू लेकर आ रहे थे? भालू कैसे मरा, कहां मरा, कब मरा? अगर मरा तो पोस्टमार्टम कहां किया गया? पोस्टमार्टम गोपनीय तरीके से क्यों किया गया? पोस्टमार्टम में सिविल सोसाइटी का प्रतिनिधि कौन था? दोनों डॉक्टर में से एक डॉक्टर को किसका संरक्षण मिला है कि जिसे सदन में हटाने का आदेश होने के बावजूद भी हटाया नहीं गया है।

सिंघवी ने यह भी पूछा कि पिछले दिनों जंगल सफारी में कितने साही की मौतें हुई है? सिंघवी ने मांग की कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) को यह आंकड़े भी जारी करने चाहिए कि उनके कार्यकाल में कितने वन्यजीवों की मौतें जंगलों में हुई और कितनों की जू में मौतें हुई और क्या वे नैतिक जिम्मेदारी लेकर छुट्टी पर चले जायेंगे?

सिंघवी ने आरोप लगाया कि लापरवाही से वन्य जीवों की हो रही मौतों से वन विभाग कभी सबक नहीं लेगा। अभी हाल ही में बारनवापारा अभ्यारण से डॉक्टर की अदूरदर्शित और नादानी के चलते एक सब-एडल्ट मादा बाईसन को पड़कर अकेले गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व भेजा गया, जहां पहुचने पर उसकी मौत हो गई, उससे भी कोई सबक नहीं लिया। सिंघवी ने मांग की कि जंगल सफारी और कानन पेंडारी से सफ़ेद भालू सहित सभी वन्य प्राणियों के एक्सचेंज प्रोग्राम पर पूर्णत: रोक लगाई जावे और दोनों डॉक्टर को हटाया जाये।

Next Story